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Wednesday, September 12, 2018

आये विघ्नहर्ता -घर हमारे |





            आखिर आ ही गए आप मेरे घर !               दिनेशमांकड़                                                                                                
                                                                                                                 जब भी दिन की शुरुआत होती है,मैं आप को याद करा लेता हूँ| कोई  भी कार्य का जब प्रारम्भ करता हूँ तो आप ही मेरे दिल में आते हो| आप मेरे -हमारे सभी प्रकार के दुखो को नाश करते रहे हो| हम  तो बार बार इसकी अनुभूति भी कर लेते है |

      आप ही हमारे -गण (समूह ) के नायक हो | जब हमें आप जैसा नायक -सेनापति मिला है तो हमें किस बात की चिंता ? जब नायक प्रबल-प्रभावी होता है तो फिर पूरा गण भी प्रभावी होना चाहिए|

**आपका बड़ा पेट बताता है की आप सब की समस्याए -कठिनाइयाँ इक्क्ठी कर लेते हो| हर एक की बात आप अपने के पास रखते हो|

** आपके बड़े कान भी इसीलिए तो है कीआप सब का सुनते हैअच्छे नायक का यही तो  लक्षण हैहमारी आसपास होती रहती गति विधि,एवं सभी बाबतोकि पूरी जानकारी रहती है और किसी को सुनने से आदमी का मन भी हल्का हो जाता है| यह सब से बड़ी बात है|

**आपकी छोटी-छोटी आँखे बहोत बड़ा सन्देश देती है | सभी घटनाओ को पुरे गौर के साथ निरिक्षण करना | ध्यान,लगाव से देखना |आपकी निरिक्षण शक्ति अजब की  है| आप सब का सुनते तो है ही यही,पुरे अंदाज से देखते भी है| ऐसी कोई भी बात नै होती जो आपसे छूट जाय| ऐसे निरिक्षण से इसके उकेल भी सच्चे-अच्छे ही मिलते है|

**आपके दो लम्बे दांत भी तो अद्भुत हैताजुब  की  बात यह है की उसमे से एक दांत पूरा और एक अधूरा है! सब पूछते है की ऐसा क्यों? आप हमें इससे भी बड़ा सन्देश देते हो| अगर हमें आपको पाना होतो  पूरी भक्ति और आधु बुद्धिसे पा सकेंगे| आजकल लोग पूरी बुद्धि और तर्क लगाकर बड़े बड़े सवाल पैदा करते है,लेकिन आपसे मिलने सच्चा रास्ता यही है की पुरे दिल से आप को याद करे ,दिमाग का ज्यादा प्रयोग न करे| हम अवश्य  आपको पा  सकेंगे |

**आप की सूंढ़ दो बड़ी बातो की सूचक है |इस लम्बी सूंढ़ से गहराई से दूर दूर से हर गंध को परख लेते है| आप दूरंदेशी सोचवाले दिखाई देते हो| दूसरी बात सूंढ़ से जो कुछ पाते हो  उसमे से थोड़ा-बहोत दूसरे तो दे कर ही फिर खुद खाते हो |

**आप चार हाथ वाले हो| एक हाथमे अंकुश है| हमारे विकार हमारे अंकुश ने होने चाहिए| दूसरे हाथमे पाश है जो शत्रुओंके सामने रक्षा करके का बल प्रदान करता है तीसरे हाथमे मोदक है जो जीवन को सदा मिठ्ठा ही बनाने का बड़ा सन्देश दे जाता है| चौथा  हाथ हर हंमेश हम सब पर सदा आशीष ही बरसाता  दिखता है | सदैव आप हमारा शुभ ही सोचते हो |

**चूहा -आपका वाहन भी अजीब है !चूहे को जहाँ जाना है ,वहां पहुंच जाता है | जगह कितभी छोटी हो वह घुस जाता है| और चूहा भी तो जहाँ जाता है ,पहले थोड़ा फूंकता है -सोचता है| बाद में ही घुसता है |हमारे घर का कोई भी कोना बाकि नन्ही रहेगा ,जहाँ चूहा आपको ले जा न सके | पुरे संसार में आप सर्वत्र पहुंच जाते हो| आप कण कण में हो|

**आपको  'दूर्वा ' बहोत प्रिय है | जिसको कोई मूल्य नहीं देता उसको भी आप बड़े प्यार से उठाते हो| सब से बड़ी बात है| जो क्रांति का प्रतिक है वह लाल फूल आप पसंद करते हो| हमें क्रांति का सन्देश आपसे ही मिलता है|

आप हमारे सभी विघ्नो को हरने वाले हो इसीलिए तो हम सब आपको हमारे सभी कार्यो के प्रारम्भ में आपको ही तो बुलाते है|

दिनेश ल. मांकड़

९४२७९६०९७९

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mankaddinesh.blogspot.com

5 comments:

  1. welcome. GANPATI BAPA. pl keep us near to u and make us dearer...

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  2. सुंदर वर्णन। गणपतिजी के कौनसे अंग क्या सिख देते है यह बताया।

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